Pradushan Par Nibandh: प्रदूषण पर निबंध सभी कक्षाओं के लिए अति उपयोगी

क्या आप भी Pradushan Par Nibandh की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप भी paryavaran pradushan par nibandh, pradushan ki samasya par nibandh, pradushan essay in hindi, vayu pradushan per nibandh, pradushan ka nibandh, paryavaran pradushan ka nibandh, vayu pradushan par nibandh, paryavaran par nibandh hindi mein, jal pradushan par nibandh यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार अब पूरा हुआ.

Pradushan Par Nibandh

यहां हम आपको एक शानदार paryavaran pradushan par nibandh उपलब्ध करा रहे हैं. यदि आप कक्षा 6,7,8,9,10,11 और 12 के विद्यार्थी हैं. और आपको paryavaran pradushan par nibandh चाहिए तो यह pradushan ki samasya par nibandh आपके लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी होने वाला है. इस pradushan essay in hindi को कक्षा 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के सभी विद्यार्थी उपयोग कर सकते हैं इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी प्रदूषण पर निबंध लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Paryavaran Pradushan Par Nibandh (पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 100-150 शब्दों में)

प्रदूषण का मतलब हमारे चारों ओर के वातावरण को दूषित करना प्रदूषण कहलाता है. हमारे आसपास जो भी स्थान आते हैं जिसमें हम सांस लेते हैं, जहां से हम पानी लाते हैं, जहां से हम खाने के लिए अनाज उगाते हैं ये सब पर्यावरण के ही भाग हैं. लेकिन बढ़ती टेक्नोलॉजी और बढ़ती जनसंख्या के कारण लगातार इन चीजों का शोषण हो रहा है. जिस वजह से लगातार प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. शहरों में तो यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हेै.

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

इसी को ध्यान में रखते हुए देश की सरकार उद्योग धंधों से निकलने वाले काले धुंए और गंदे पानी पर रोक लगा रही है. इसके साथ ही नदी तालाबों को स्वच्छ करवा रही है. हम सभी का भी यह कर्तव्य है कि पर्यावरण की इस अमूल्य धरोहर को बचाए रखें. हमें प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि प्लास्टिक पर्यावरण मे प्रदूषण फैलाता है. प्रदूषण तभी रुक सकता है जब आप सभी इस बात को मन में ठान लें.

Pradushan ki Samasya Par Nibandh (प्रदूषण पर निबंध 200-250 शब्दों में)

प्रदूषण का अर्थ होता है हमारे चारों ओर के वातावरण को दूषित करना. प्रदूषण की इस समस्या से हमारा देश भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व प्रदूषण की इस विकराल समस्या से ग्रस्त है. बढ़ते प्रदूषण के कारण संसार की हर एक वस्तु किसी ना किसी रूप में प्रदूषित होती जा रही है. हवा, पानी, मिट्टी, फल, सब्जियां, अनाज आदि सभी चीजें लगातार प्रदूषित होती जा रही है.  इन सभी का कारण है लगातार बढ़ती जनसंख्या और लगातार बढ़ती फैक्ट्रियां. क्योंकि बड़े-बड़े कारखाने और फैक्ट्रियां बड़ी मात्रा में जहरीली गैसे हवा में छोड़ते हैं जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है. इस वायु प्रदूषण के हजारों-लाखों लोगों को सांस लेने में समस्या होती है.

यह कारखाने बड़ी मात्रा में गंदे पानी का भी विसर्जन करते हैं. जो कि हमारी नदियों में जाकर मीठे पानी को भी गंदा कर देता है. जल में रहने वाले जीव भी गंदे पानी से मिलने के बाद मरने लगते हैं. प्रदूषण की इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण, उद्योगों के विस्तार पर नियंत्रण और सामान्य लोगों में जागरूकता फैलाना जैसे कदम उठाने चाहिए. जब हम बाजार में सब्जी खरीदने जाएं तो प्लास्टिक की थैली की बजाए कपड़े कागज के थैले का उपयोग करना चाहिए. यदि हम सभी ठान लेंगे तो 1 दिन प्रदूषण जरूर कम हो जाएगा.

Paryavaran Pradushan Essay in Hindi (प्रदूषण पर निबंध full essay)

प्रस्तावना : आधुनिकता एवं वैज्ञानिक आविष्कार बढ़ने के साथ – साथ कई अन्य समस्याओं ने भी जन्म ले लिया है जिसमें प्रदूषण सबसे दुष्कर समस्या है। अविष्कार करना कोई बुरी बात नहीं क्योंकि अविष्कार मानव सुविधाओं और उपयोगिताओं के लिए हितकर हैं लेकिन अविष्कार से उत्पन्न होने वाले अनैक्छिक प्रदूषण ने आज मानव जाति का हाल बेहाल कर दिया है। भारत के दिल्ली शहर को ही ले लीजिए आज वहां बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण ही खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। जो मोटर वहां लोगों के सुविधा के लिए बने थे आज उससे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके अलावा ना जाने ऐसे कितने ही कारक हैं जो प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं।

प्रदूषण क्या है : किसी भी प्राकृतिक घटकों जैसे पानी, मिट्टी, वायु ध्वनि आदि में दूषण पैदा हो जाता या उनका दूषित हो जाना। जब जल, वायु, जैसे प्राकृतिक घटकों में अनजाने एवं दूषित घटक मिल जाते हैं तो इससे उनका प्राकृतिक स्वरूप बदल जाता है और इसके बुरे प्रभाव मनुष्य एवं अन्य पशु प्रजातियों पर पड़ता है   जिससे उन पर कई घटक बीमारियों एवं जीवन संकट भी हो सकता है।

वर्तमान में प्रदूषण: हाल ही में जारी हुई केंद्रीय परमिशन नियंत्रण बोर्ड 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 156 शहरों की लिस्ट में 3 शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत अधिक खराब रही है. खराब से मतलब है कि इन शहरों का वायु सूचकांक (Air Index) 300 सीधी ज्यादा रहा है. वही 21 शहरों की हवा की क्वालिटी भी खराब की श्रेणी में दर्ज की गई है. प्रदूषण पर्यावरण के लिए अभिशाप है जिसका जन्म भी विज्ञान की ही देन है. इस समस्या से हमारा देश भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व जूझ रहा है.

प्रदूषण के कारक एवं प्रकार : प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से पेड़ों को कटाई, कारखानों से निकलने वाला विषैला धुंआ एवं विषाक्त पदार्थ, खेती में केमिकल कीट नाशक का अत्याधुनिक उपयोग करने से प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं जो की इस प्रकार है जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदुषण आदि.

  1. जल प्रदूषण – केमिकल फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला तरल पदार्थ आस पास की नदियों में जाकर गिरता है एवम जैव अजैव अपशिष्ट के पानी में मिलने से पानी पीने योग्य नहीं रहता एवं दूषित हो जाता है। अगर इस पानी का उपयोग मानव एवं अन्य पशु पक्षियों द्वारा भी किया जाता है तो उनकी मृत्यु भी हो सकती है। दूषित जल से हैजा, डायरिया, पीलिया जैसी बीमारियां होती है।
  2. वायु प्रदूषण – वायु प्रदूषण सबसे अन्य प्रदूषण की तुलना में जन जीवन के लिए बेहद दुष्कर साबित हो रहा है। वायु की गुण्नवक्कता का दूषित होना वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ, हृदय रोग, त्वचा रोग जैसी स्वास्थ्य परेशानियां बढ़ रही हैं।
  3. मृदा प्रदूषण – वनों की अत्याधुनिक कटाई मृदा प्रदूषण के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है क्योंकि पेड़ की जड़े मिट्टी को पकड़ कर रखती हैं एवम पानी और आंधी जैसी स्थिति में मिट्टी को बहने नहीं देती। वहीं कृषि द्वारा खेती किसानी में उपयोग होने वाले केमिकल खाद मिट्टी की उर्वरकता कम कर देते हैं।
  4. ध्वनि प्रदूषण – वातावरण में अनैक्छिक एवं तीव्र धवनियों की अधिकता ध्वनि प्रदूषण कहलाती है। घरों में उपयोग होने वाले टीवी, होम थिएटर, वाशिंग मशीन एवं मोटर गाड़ियों के हॉर्न आदि वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के कारक है। ध्वनि प्रदूषण के कारण तनाव, अनिद्रा, उच्च रक्त दाब जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।
  5. रेडियो एक्टिव प्रदूषण – रेडियो एक्टिव प्रदूषण भी प्रदूषण का एक प्रकार होता है. अनचाहे रेडियो एक्टिव तत्वो द् की वजह से वायुमंडल में पैदा होता है. इसके साथ ही रेडियो एक्टिव प्रदूषण हथियारों के फूटने उनका परीक्षण करने एवं उनका खनन करने के कारण होता है. वही परमाणु बिजली केंद्रों पर होने वाला कचरा भी अप्रत्यक्ष रूप से रेडियो एक्टिव प्रदूषण को बढ़ाता है.
  6. प्रकाश प्रदूषण – प्रकाश प्रदूषण उस स्थिति में उत्पन्न होता है जब किसी क्षेत्र में अत्यधिक मात्रा में या जरुरत से ज्यादा रोशनी उत्पन्न होती है. बिना किसी आवश्यकता के जरुरत से ज्यादा प्रकाश उत्पन्न करने वाली वस्तुएं प्रकाश प्रदुषण का कारण बनती है. जिससे कि लोगों को आंखों से संबंधित बीमारियां होती है.
  7. थर्मल प्रदूषण – बहुत सारे उद्योगो में देखा गया है कि पानी का उपयोग शीतलक के रूप में किया जाता है जिसके कारण थर्मल प्रदूषण बढ़ता है. थर्मल प्रदूषण के कारण ही जल में रहने वाले जीवो को तापमान में परिवर्तन और पानी में ऑक्सीजन की कमी जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है.

प्रदूषण रोकने के उपाय : अगर हमने बदलाव करना है तो सबसे पहले इसे स्वयं से शुरू करना होगा। प्रदूषण रोकने के लिए हम निम्न प्रयास कर सकते हैं।

  1. प्रदूषण कारकों पर रोक लगा कर या इनका कम से कम उपयोग करके।
  2. अधिक से अधिक पेड़ लगाकर एवं उनका संरक्षण करके क्योंकि पेड़ हवा को शुद्ध करने एवं मिट्टी को पकड़ के रखने का काम करते हैं इन दोनों ही से वायु प्रदूषण एवं मृदा प्रदूषण नियंत्रित होगा।
  3. पॉलीथिन का उपयोग करने की जगह जुट एवं कपड़ों की थैली का उपयोग करें।
  4. कपड़े एवं बर्तन का पानी पेड़ों में डालने के काम में लेवें इससे पानी की बरबादी काम होगी। एवं व्यर्थ पानी न बहाएं।
  5. अगर संभव हो तो हफ्ते में एक दिन अपने वहां का प्रयोग न करके सार्वजनिक वाहन जैसे बस आदि का उपयोग करें।
  6. तेज ध्वनि वाले स्पीकर एवं यंत्रों का प्रयोग न करें।
  7. कागज के प्रयोगों को कम करके क्योंकि हर वर्ष कागज बनाने के लिए लाखों-करोड़ों पेड़ काटे जाते हैं.
  8. बायो ग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करना क्योंकि बायो ग्रेडेबल से बने उत्पादन का निपटान करना अपेक्षाकृत आसान होता है.
  9. सब्जियों और फलों को बिना कीटनाशक के उपयोग के गाना चाहिए. जिससे कि जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलता है.
  10. गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग कूड़ेदान में निपटान करके केंद्र सरकार द्वारा पहले इस अभियान को शुरू किया जा चुका है.
  11. हमें अधिक से अधिक उन चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जो दोबारा प्रयोग में लाई जा सके.

विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची (Most Polluted Cities in India 2022)

  1. Bhiwadi (राजस्थान)
  2. Ghaziabad (उत्तर प्रदेश)
  3. दिल्ली (एनसीआर)
  4. जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
  5. नोएडा (उत्तर प्रदेश)
  6. बाघपत (उत्तर प्रदेश)
  7. हिसार (हरियाणा)
  8. फरीदाबाद (हरियाणा)
  9. ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)

इन सभी शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) बहुत ज्यादा है.

उपसंहार : प्रकृति मनुष्य की पालन – पोषण कर्ता है और अगर यही दूषित होगी तो इसका सीधा असर मानव प्रजाति पर देखने को मिलेगा और जो की अक्सर देखा भी जाता है। आज प्रदूषण की वजह से ऐसी कई लाइलाज बिमारियां पैदा हो गई है जिससे कई लोग ग्रसित हैं। इन बीमारियों में से कुछ का उपचार तो बहुत मुश्किल है ऐसे में मनुष्य ने खुद अपने ही हाथों अपना अहित कर लिया है। अगर आज हमने अपने पर्यावरण एवं प्रकृति को दूषित होने से न बचाया तो कल यही हमारे पतन का मुख्य कारण बनेगा इसलिए हमें समय रहते सचेत हो जाना चाहिए एवं प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण संरक्षण हेतु संभव प्रयास करने चाहिए। 

Pradushan ka Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस pradushan ka nibandh से जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह paryavaran par nibandh hindi mein अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Paryavaran par Nibandh कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार  रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

Essayduniya Home Page Click Here

Leave a Comment